प्राणमती गांव का इतिहास

 प्राणमती गांव का इतिहास बहुत पुराना इतिहास है संत 1885 से पूर्व का इतिहासप्रांतिक गांव एक भौगोलिक परिस्थिति से बहुत ऊंचाई वाला ही वाला क्षेत्र है जहां की क्षेत्रफल लगभग 2885 वर्ग किलोमीटर है और यहां की ऊंचाई समुद्र तल से 22 मीटर से ऊपर है लगभग और यहां की सामाजिक कार्य के लाभ और स्थिति के आधार पर यहां पर ठंडी में बहुत ज्यादा बर्फ पड़ती है और यहां तो उची उची हिमालय की चोटी है यहां पर लोकगीत 6 महीने की ब्रह्म रहते हैं 6 महीने बरसात से परेशान रहते हैं यहां की परिस्थिति पोस्ट ऑफिस दूर है कि आदमी जा नहीं पाते हैं पोस्ट ऑफिस से पैसा नहीं मिल पाता है प्रार्थी गांव में जो मंदिर है एक काली का मंदिर है यहां पर एक प्राकृतिक दृश्य घूमने वाली जगह जिसे अभी तक किसी ने नहीं देखा है और यहां पर दयालु भैरव का मंदिर स्थित है कम है

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